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शिक्षा क्षेत्र में साइकिल योजना वरदान

Updated on: Fri, 18 May 2012 04:44 PM (IST)
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शिक्षा क्षेत्र में साइकिल योजना वरदान
बेनीपंट्टी (मधुबनी), निज प्रतिनिधि : विधायक विनोद नारायण झा ने गुरुवार को लीलाधर उच्च विद्यालय बेनीपंट्टी में मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत 664 छात्रों के बीच 16 लाख 60 हजार रुपये की राशि का वितरण किया। इस अवसर पर श्री झा ने कहा कि सीएम साइकिल योजना शिक्षा के क्षेत्र में बरदान साबित हो रही है। एक ओर जहां विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति काफी बढ़ी है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राएं निर्भिक होकर स्कूल पहुंच रहे हैं। विधायक ने कहा कि नीतीश-मोदी की सरकार शिक्षा के प्रति गंभीर है। इस अवसर पर प्र.अ. जयवीर राम, प्रो. मदन कुमार कर्ण, मुखिया अजय झा, राजू मिश्र, नारायण जी झा, विमल झा सहित कई लोग मौजूद थे।



एमएलसी चुनाव 

Source: विवेक विकास  Dainik Bhaskar , Patna |   Last Updated 10:53 AM (15/04/2012)

जातीय समीकरण हावी :पटना। बिहार विधान परिषद की सीटें सिरदर्द बन गई हैं। छह मई को खाली हो रही 11 सीटों में पार्टी को मिली चार सीटों पर भारी मत्था-पच्ची करनी पड़ी। सभापति ताराकांत झा को बेटिकट होना पड़ा। कुशवाहा कोटे के गंभीर दावेदार सूरज नंदन मेहता अब मनोनयन के भरोसे हैं। खुद रेस से बाहर हो चुके संजय कुमार झा की जगह मिथिलेश तिवारी इंट्री पा सकते हैं। वे मंत्री अश्विनी चौबे के करीबी हैं। दो मैथिल ब्राrाणों ताराकांत झा और संजय कुमार झा की जगह गैर मैथिल मंगल पांडे और अब मिथिलेश तिवारी की इंट्री दूसरी समस्या दे सकती है। भरपाई के लिए विधायक विजय कुमार मिश्र और भाजपा विधायक विनोद नारायण झा का कद बढ़ सकता है। किसी एक को मंत्रिमंडल और दूसरे को पार्टी संगठन में जिम्मेवारी मिल सकती है। राजपूत कोटे से ब्रजेश रमण और कायस्थ संजय मयूख दावेदार हैं।





जन-जन तक पहुंच रहा संदेश

Prabhat Khabar , 6th April 2012 , Supaul, Patna. 
देश की संस्कृति की रक्षा के लिए हुई थी संघ की स्थापना : विनोद

सुपौल : देश की आजादी की लड़ाई जब पूरे शबाब पर था तो उस समय नागपुर में देश की संस्कृति की रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना हुई.
संघ के स्वयं सेवक भी योद्धा बन अंगरेजों से लोहा ले रहे थे. ये बातें स्थानीय व्यापार संघ के सभा भवन में भाजपा के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर शुक्रवार को पार्टी विधायक विनोद नारायण झा ने कही.
भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष प्रधान की अध्यक्षता में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए श्री झा ने कहा कि उस समय संघ को लगा कि देश की समृद्धि व उन्नत विकास के लिए उच्च विचारधारा के एक राजनीतिक मंच की आवश्यकता है. इसी निर्णय के तहत जनसंघ के रूप में एक राजनीतिक दल की स्थापना की गयी.
जनसंघ ने देश में राजनीतिक दल के तौर पर एक अलग पहचान कायम किया. वर्ष 1977 में लोक नायक जय प्रकाश के कहने पर जनसंघ का विलय जनता पार्टी में हुआ. कतिपय मतभेद उभरने के बाद छह अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी का उदय हुआ. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा की तीन बार सरकार बनी.
राजनीतिक मंजिल तक पहुंचाने में कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. साथ ही कार्यकर्ताओं से पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए कार्य करते रहने की अपील की गयी. भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य नागेंद्र नारायण ठाकुर ने कहा कि भाजपा एक पार्टी ही नहीं एक आंदोलन है.
देश के समक्ष जब भी कोई समस्या उत्पन्न हुई, पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसके समाधान के लिए अपना पूरा समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि कोसी पर रेल व सड़क महासेतु का निर्माण अटल जी की देन है, जो आज साकार रूप ले रहा है.
20 सूत्री उपाध्यक्ष विजय शंकर चौधरी ने कहा कि पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता देव तुल्य हैं. उन्होंने पार्टी का संदेश जन-जन तक पहुंचा कर राष्ट्र व्यापी बनाने में महत्वपूर्ण कार्य किया है. जिलाध्यक्ष संतोष प्रधान ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता वाजपेयी जी के नेतृत्व में देश के चहुमुंखी विकास का प्रयास साकार हो रहा है.
बैठक में पूर्व जिलाध्यक्ष योगेश्वर प्रसाद मंडल, जिला महामंत्री रणधीर ठाकुर, प्रो बैद्यनाथ कामत, मिंटू शर्मा, जिला उपाध्यक्ष गणोश ठाकुर, राम अवतार प्रसाद गुप्ता, जिला मंत्री मनोज कुमार पाठक, शालीग्राम पांडेय, भाजयुमो के जिलाध्यक्ष नलिन जायसवाल, जिला मीडिया प्रभारी सुरेंद्र नारायण पाठक, गौरी शंकर मंडल, सरोज कुमार झा, रूपेश कुमार पाठक, शमशाद आलम, मो जहीर, सरिता मिश्र, बलराम कामत, परमानंद सिंह, बीवी तबस्सुम, दीपक कुमार दीप, हरेराम मंडल, मनोज कुमार सिंह, विपिन कुमार यादव, अभिषेक, ओम प्रकाश शामिल थे.



उजली कमीज के मनोविज्ञान से ग्रसित है बिहार का विपक्ष : विनोद


उजली कमीज के मनोविज्ञान से ग्रसित है बिहार का विपक्ष : विनोद
सुपौल जागरण प्रतिनिधि : पिछले सात साल में बिहार की नीतीश सरकार बेवाक होकर निकली है। जबकि अन्य पार्टियों के दामन दागदार है। विरोधी दल के मुख्यमंत्री व कई मंत्री जेल की हवा तक खा चुके हैं। किन्तु सत्ता दल के एक भी मंत्री पर अब तक कोई दाग नहीं लगा है। भाजपा के स्थापना दिवस में शरीक होने आए विधायक विनोद नारायण झा ने शुक्रवार की शाम उक्त बातें जिला राजग संयोजक के आवास पर संवाददाताओं से कही। विधायक ने कहा कि एसीडीसी बिल का मामला वित्तीय सामंजन का है न कि भ्रष्टाचार घोटाले का। उजली कमीज के मनोविज्ञान से ग्रसित है बिहार का विपक्ष और अनर्गल प्रलाप में लगा हुआ है। डीसी बिल के मामले पर कुछ लोगों ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर किया था जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है। अब विपक्ष पुरानी ही बात को पुन: मुद्दा बनाकर हंगामा कर रहा है। परन्तु उनका नापाक इरादा सफल नहीं होगा। बोले कि वित्तीय सामंजन का यह मामला लोक लेखा समिति देख रही है। जिसके अध्यक्ष विपक्ष के ही लोग होते हैं। लेकिन अब्दुल बारी सिद्दिकी को अपने ही दल के लोक लेखा समिति के अध्यक्ष पर भरोसा नहीं और अनर्गल प्रलाप में लगे हुए हैं। बोले कि नीतीश सरकार ने 2009 में विशेष कानून बनाकर भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। इसके तहत कई भ्रष्टाचारी जेल की हवा खा रहे हैं और उनकी संपत्ति जब्त कर उनके मकानों में स्कूल खोले जा रहे हैं। जिस तरह कानून व्यवस्था में पूरी तरह लगाम लग गया है। ठीक उसी तरह भ्रष्टाचार के मामले में भी लगाम लग जाएगा। प्रेस वार्ता में राजग संयोजक नागेन्द्र नारायण ठाकुर, भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष प्रधान, महामंत्री रंधीर ठाकुर, युवा मोर्चा अध्यक्ष नलिन जायसवाल, मनोज सिंह, सरोज झा आदि मौजूद थे।


स्वेच्छा से किया नेत्रदान, अब नहीं कोई सुध लेने वाला

Source: एजेंसी.  Dainik Bhaskar , Patna  |   Last Updated 3:53 PM (16/03/2012)










पटना. बिहार विधानसभा में सदस्यों ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य में अंग प्रत्यारोपण कानून 1994 लागू होने और नेत्र बैंक होने के बावजूद स्वेच्छा से नेत्रदान करने वालों और अंधत्व के शिकार लोगों की कोई सुध लेने वाला नहीं है।
भाजपा विधायक विनोद नारायण झा ने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से राज्य में नेत्रदान कार्यक्रम, पीएमसीएच स्थित एकमात्र सरकारी नेत्र बैंक की उपेक्षा और नेत्रदान को इच्छुक लोगों की सूची नहीं होने का मामला उठाया। इस संबंध में सरकार की ओर से उत्तर देते हुए पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री गिरिराज सिंह ने स्वीकार किया कि पीएमसीएच और एक निजी संस्था द्वारा राजगीर में संचालित वीरायतन के नेत्र बैंक में बीते 10 वर्ष में अंधत्व के शिकार किसी भी व्यक्ति का नेत्र प्रत्यारोपण नहीं किया गया। झा ने कहा कि दो चिकित्सक एसएल मंडल और राजीव कुमार नेत्रदान करने गये थे उन्हें लौटा दिया गया। पीएमसीएच स्थित नेत्र बैंक में बीते 40-50 साल से किसी को नेत्र नहीं लगा और अंधापन से मुक्ति नहीं मिली तो इस आई बैंक का क्या औचित्य है। सिंह ने कहा कि दो लोगों को आई बैंक से लौटाने की जांच होगी। दानकर्ता की अनुपलब्धता और सक्षम तकनीशियनों के अभाव में पीएमसीएच का आई बैंक पूरी तरह से काम नहीं कर रहा है। 

जदयू नेता श्रवण कुमार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने सरकार से पूछा कि पीएमसीएच स्थित नेत्र बैंक पर बीते 10 वर्ष में उपकरणों की खरीद में कितना व्यय हुआ, कितने कर्मचारियों के पद स्वीकृत है, नेत्र बैंक क्या सुविधाओं से सुसज्जित है। हालांकि प्रभारी मंत्री ने इसका जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कितने लोग नेत्रदान का आये इसकी सूची नहीं बन पायी है। गिरिराज ने कहा कि मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाता है लेकिन नेत्रदान को बढा़वा देने में आशाजनक सफलता प्राप्त नहीं हुई है। विधानसभाध्यक्ष ने इस अवसर पर स्वैच्छिक नेत्रदान की घोषणा की। चर्चा के दौरान कई अन्य सदस्य भी नेत्रदान को इच्छुक दिखे।


मुख्‍यमंत्री देखताह कालिदासक डीह

दरभंगा। मिथिला बहुत दिन स इ दावा क रहल अछि जे कालिदास ओकर पुत्र छथि। एहि दावा क पाछु समय समय पर तर्क आ सबूत सेहो देल जाइत रहल, मुदा वैज्ञानिक स्‍तर पर एहि पर शोध नहि भ सकल अछि। भाजपा विधायक विनोद नारायण झा आब एहि दिस ध्‍यान देलथि अछि आ कहला अछि जे कालिदास पर शोध लेल हुनकर डीह कए उन्‍नयन कैल जाएत। श्री झा क अनुसार कालिदास क संबंध मे बुझलाक बाद मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार सेहो हुनकर डीह देखबाक इच्‍छा व्‍यक्‍त केलथि अछि। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार कालिदास क डीह देखबा लेल 16 जनवरी कए उच्‍चैठ आबि रहल छथि।
ज्ञात हुए जे श्री झा पिछला 8 दिसंबर कए बिहार विधानसभा में गैर सरकारी संकल्प क दौरान कालिदास डीह क उन्नयन आ एकरा पर्यटन स्थल क रूप में विकसित करबाक मामला उठेने छलाह। जखन श्री झा कालिदास आ मिथिलाक संबंध क बारे मे बाजि रहल छलाह तखन मुख्‍यमंत्री सदन मे उपस्थित छलाह। कालिदास पर मध्‍यप्रदेशक दावा कए खारिज करैत श्री झा कहला जे आब कालिदासक संबंध मे जे भ्रम अछि ओ खत्‍म कैल जाएत। श्री झा कहला जे एकर बहुत मजबूत प्रमाण अछि जे कालिदास क जन्मस्थान आ शिक्षा उच्चैठ मे भेल। श्री झा कहला जे उच्‍चैठ भगवतीक कृपा स ओ विद्वान भेलाह। हुनक जन्मस्थान उज्जैन कहब पूर्णत: गलत अछि। उच्चैठ में कालिदास क नाम स खतियान आ जमाबंदी तक भेटैत अछि। कालिदास 375 ई. स 415 ई. तक गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य क दरबार क नवरत्‍न मे शामिल छलाह। मुदा एहि स इ प्रमाणित नहि होइत अछि जे ओ उज्‍जैन क छलाह। अपन विद्वता क बदौलत मिथिलाक लोग सदूर देश तक गेल आ नाम कमेलक अछि। श्री झा कहला जे ओ एहि पर गंभीर मंथन लेल यूजीसी स सेहो आग्रह केलथि अछि। श्री झा कहला जे एकर प्रमाण सेहो भेटैत अछि जे कालिदास कुमार संभवम क रचना मिथिलाक उच्‍चैठ मे केने छथि। जाहि दौरान ओ कुष्ठ स ग्रसित भ गेल छलाह। रघुवंशम् क रचना केलाक बाद ओ रोग मुक्त भेलाह। रघुवंशम लिखलाक बाद ओ विक्रमादित्य क निमंत्रण पर उज्जैन गेलाह। श्री झा कहला जे डीह क उन्‍नयन स मिथिला क संबंध मे बहुत रास आर गप बाहर आउत आ जे लोकोत्ति कहल जा रहल अछि ओकरा वैज्ञानिक प्रमाणिकता भेटत।



मिथिलाचंल में विद्यापति सर्किट का निर्माण

Mar 31, 2012 , 01:00 am

पटना : राज्य सरकार मिथिलाचंल क्षेत्र में सांस्कृतिक पर्यटन के उद्देश्य से 'विद्यापति सर्किट' के निर्माण पर विचार कर रही है। यह आश्वासन पर्यटन मंत्री सुनील कुमार पिन्टू ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा में विनोद नारायण झा द्वारा लाए गए गैरसरकारी संकल्प (संख्या-114/2012) की सूचना पर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग चरणबद्ध तरीके से महत्वपूर्ण धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकसित करने के लिए प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि मधुबनी, दरभंगा और समस्तीपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल को विकसित करने की योजना बनायी गयी है। इनमें मधुबनी जिले के फुलहर में गिरिजा स्थान, विद्यापति जन्मस्थली, बिस्फी, वाचस्पति मिश्र स्मारक स्थल, सिंह वासिनी मंदिर लोहना, शांतिनाथ महादेव मंदिर, झंझारपुर के विकास, राधाकृष्ण मंदिर, आक्सी महादेव मंदिर, लखनौर का विकास, दरभंगा जिले के अहिल्या स्थान, कमतौल, कुशेश्वर स्थान, हराही पोखर, मनोकामना मंदिर, गंगा सागर तालाब का विकास एवं जीर्णोद्धार और समस्तीपुर जिले के विद्यापति धाम का विकास की योजना शामिल हैं।



ट्रेन बढाने की मांग, स्टेशन पर धरना
Dec 15, 2011

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मधुबनी, वि.सं. ट्रेनों की संख्या सहित रेल यात्रियों के लिए सुविधाओं की मांग को लेकर गुरुवार कोमिथिला विकास परिषद कोलकाता के अध्यक्ष अशोक झा की अध्यक्षता में परिषद एवं मिथिलांचल रेलसेवा संघर्ष समिति के बैनर तले मधुबनी रेलवे स्टेशन पर एक दिवसीस धरना का आयोजन किया गया।मिथिलांचल रेल संघर्ष समिति के संयोजक राजु कुमार राज ने कहा कि समस्तीपुर रेल मंडल कीउदासीन रवैये के कारण जयनगर-समस्तीपुर रेल खंड में ट्रेनों की कमी से काफी परेशानियों का सामनाकरना पड़ता है। बेनीपटटी क्षेत्र के विधायक बिनोद नारायण झा ने कहा कि यह दुर्भाग्य है किमिथिलावासियों की सज्जनता को रेल मंत्रालय और प्रशासन कमजोर समझता है। लेकिन जनता शांतनहीं रहेगी।

प्रो.सर्वनारायण मिश्र ने कहा कि पूर्व रेल मंत्री स्व. ललित बाबू की परिकल्पना को क्रियान्वित करने से हीमिथिलांचल का सर्वागीण विकास होगा। कार्यक्रम के अध्यक्ष अशोक झा ने कहा कि मधुबनी स्टेशन कोरेल मंत्री ने माडल स्टेशन घोषित किया था लेकिन यहां यात्रियों को मूलभूत सुविधाए भी नहीं मिलती हैं।जयनगर से विभिन्न राज्यों के लिए ट्रेन का नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। वक्ताओं ने स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट ट्रेन का विस्तार जयनगर तक करने, मुंबई, बंगलोर, हैदराबाद के लिए जयनगर से ट्रेन, रांची तकजाने वाली ट्रेने को प्रतिदिन चलाने की मांग की। वहीं जयनगर से सीतामढ़ी तक सीधी ट्रेन चलाने कीमांग रखी। धरनार्थियों को मो.अहमदुल्ला, सुरेशचन्द्र चौधरी, डा.बुचरू पासवान, नागेन्द्र बाबू, लालबहादुर सिंह, विष्णुदेव मिश्र, मायानंद झा, प्रकाश झा, मदन प्रसाद श्रीवास्तव, अजय यश, चन्द्र प्रकाशकण्र, चन्द्रमोहन झा पड़वा, ऋषिकांत झा, राजनाथ मिश्र कपिलेश्वर पांडेय, रमनु झा सहित अन्य नेसंबोधित किया। वहीं भारत विकास परिषद अभ्युदय शाखा, मिथिलांचल चैम्बर आफ कामर्स मधुबनी नेभी धरना को नैतिक समर्थन दिया।



पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के निधन परशोक
Oct 04, 2011

मधुबनी, वि.सं.: सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केन्द्रीय भागवत झा आजाद के निधन पर पूर्व केन्द्रीय मंत्रीसह कांग्रेस के प्रवक्ता डा.शकील अहमद, पूर्व मंत्री राजकुमार महासेठ, जिला प्रवक्ता शीतलांबर झा, वरिष्ठकांग्रेसी नेता सह पूर्व जिप अध्यक्ष सतीश चन्द्र मिश्र, जिलाध्यक्ष चन्द्रकांत झा ने शोक संवेदना प्रगटकरते हुए कहा है कि भागवत झा के निधन से हमने एक कर्मठ राजनेता को खो दिया है। वहीं कृपानाथपाठक ने भी गहरी शोक संवेदना प्रगट करते हुए कहा है कि भागवत झा के अलावे हमने आज प्रखरसमाजवादी नेता मंत्री हरि प्रसाद साह को भी खो दिया है। हम नेताद्वय के निधन पर गहरी संवेदना प्रगटकरते हैं। वहीं भागवत झा आजाद के निधन पर बेनीपट्टी के विधायक बिनोद नारायण झा नेकहा है कि बिहार के राजनीति में इससे गहरा आघात लगा है। भागवत झा 1942 से 98 तकभारतीय राजनीति के क्षितिज पर रहे। भारत के प्रथम लोक सभा के सदस्य बने और 6 बारसांसद बने। 1988-89 में बिहार के मुख्यमंत्री रहे। वे ईमानदार तो थे ही स्वभाव से अक्खड़ भीथे। उन्होंने कभी अपने विचारों से समझौता नहीं किया। उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत क्षतिहुई है। वे मेरे आदर्श नेता थे। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हॅू। इधरजदयू के नेता कुंवर जी झा व राकांपा नेता हितेन्द्र नारायण ठाकुर उर्फ नुनू नें भागवत झा के निधन कोअपूरणीय क्षति बताते हुए गहरी संवेदना प्रगट की है।



अंतरराष्ट्रीय मिथिला सम्मेलन में पृथक राज्य कीमांग
Aug 2011
जयनगर जय मिथिला और जय मैथिली के उद्घोष के साथ जयनगर स्थित उच्च विद्यालय परिसर में23 वां अंतर राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन का उद्घाटन हुआविधान पार्षद बालेश्वर सिंह भारतीभाजपा केवरिष्ठ नेता और विधायक विनोद नारायण झा  अरुण शंकर प्रसाद ने इसकी शुरुआत कीविधानपार्षद श्री भारती ने कहा कि जब भी मैथिली और मिथिला की मांग उठी हैहमने सुर में सुर मिलाया है.
उदय कांत मिश्र ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विद्यापति स्वहस्त लिखित श्रीमद्भागवत कि चोरीमिथिला से हो गयी और मिथिला वासियों ने इसके खिलाफ आवाज नहीं उठायीमैथिली को बंगला  उर्दूके समान बतायाउन्होंने कहा कि यदि उर्दू शिक्षक नियुक्त हो सकते हैं तो मैथिली शिक्षक क्यों नहींडाबुचरू पासवान ने पृथक मिथिला राज्य की आवाज को बुलंद कियासाथ ही उन्होंने मिथिला को कपिलकनादमंडन अयाची  विद्यापति का धाम बताते हुए मैथिली  मिथिला के विकास के लिये समाज केसभी को साथ लेकर चलने का आह्वान कियानेपाल से आये प्रतिनिधि उमेश झा ललन ने भी अपनेविचार रखेभाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक विनोद नारायण झा ने कहा कि दुनिया की किसी भीभाषा से मैथिली तनिक भी कम नहीं है.
सम्मेलन को विधायक अरुण शंकर प्रसादराजद विधायक  पूर्व मंत्री राम लषण राम रमणउमाकांतयादवनेपाल से आये माओवादी नेता राम रीझन यादवराजेश्वर नेपालीश्रीमती करुणा झाहरियाणा केडाभीम सिंहमथुरा के जगदीश प्रसाद ने भी सम्मेलन को संबोधित कियासम्मेलन में नेपाल समेतअन्य देशों से भी लोग आये हैंसम्मेलन में विधान सभा में मैथिली में शपथ ग्रहण करने वाले विधायकों अतिथियों को पाग  चादर देकर सम्मानित भी किया गयासम्मेलन कि अध्यक्षता डा.कमलकांत झा  संचालन सतीश मिश्र ने की.
तेलांगना की तरह हो सकता है जनांदोलन
जयनगर पृथक तेलांगना राज्य के निर्माण की मांग की तर्ज पर मिथिला क्षेत्र के राजनेता भी दलीयलाइन की संकीर्णता से उठ कर एकजुट आंदोलन कर सकते हैंयह संकेत शनिवार को जयनगर मेंआयोजित अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मिला.सम्मेलन के आयोजकों द्वारा बिहारविधानमंडल के उन सदस्यों को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया गया थाजो अपनी विधानसभासदस्यता ग्रहण करने के समय मैथिली में शपथ ली थीइस सम्मेलन में पांच विधायक उपस्थित हुए थे,जिनमें तीन भाजपा के एवं दो राजद के थे.
अपने भाषणों के दौरान ये धूर विरोधी पार्टियों के राज नेता इस बात पर एक जुट दिखे कि मिथिला केसर्वागीण विकास के लिए पृथक मिथिला प्रांत का गठन अनिवार्य हैबहस की शुरुआत विधान पार्षदबालेश्वर सिंह भारती ने कीउन्होंने झारखंड की तर्ज पर दलीय दलदल से ऊपर उठ कर संघर्ष करने कीबात कहीइसके बाद ही पृथक मिथिला राज्य की स्थापना हो सकती हैइस पर भाजपा के वरिष्ठ नेताऔर बेनीपट्टी के विधायक विनोद नारायण झा तथा खजौली के विधायक ने भी अपनी सहमतिजतायीदूसरी ओर राजद विधायक तथा बिहार के पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री राम लखन रामरमण एवं बाबूबरही के विधायक प्रो उमाकांत यादव ने भी पृथक मिथिला राज्य की मांग के लिये होनेवाले संघर्ष में आगे रह कर नेतृत्व करने तथा इस क्रम में किसी भी तरह दंड सहने की घोषणा की.
दिलचस्प बात यह है कि नेपाल से आये प्रतिनिधियों ने पृथक मिथिला राज्य के गठन में विलंब के लियेमिथिला क्षेत्र के राज नेताओं को जिम्मेदार ठहरायाराज विराज से आयी करुणा झा ने कहा कि नेपाल मेंमैथिल मूल के लोगों को जितने अधिकार प्राप्त है या मैथिली को जो महत्व सरकार द्वारा दिया गया हैवहभारतीय मिथिला में प्राप्त नहीं हैजनकपुर से आये शिक्षाविद् एवं वरिष्ठ पत्रकार डा राजेश्वर नेपाली तथाप्रो उमेश चंद्र झा ललन की भी धारणा लगभग ऐसी ही थीहरियाणा,फ़िरोजाबादआजमगढ तथाकिशनगंजअररिया से आये प्रवासी मैथलियों ने भी ओजपूर्ण शब्दों में मिथिला राज्य के लिये निर्णायकसंघर्ष तेलांगना की तर्ज पर शुरू करने का आह्वान कियाइससे ऐसा आभास होता है कि निकट के वर्षो मेंपृथक मिथिला राज्य के लिये निर्णायक संघर्ष शुरू हो सकता है.


Published: January 23, 2010 Posted in: समाचारTags: binodmaithilimithilasarisabpahi
http://www.esamaad.com/regular/2010/01/3535/attachment/16mdb12-1_1263677725_m/
मधुबनी। साहित्य अकादमी  साहित्यिकीÓ  संयुक्त तत्वावधान मे सरिसवपाही मे आयोजिततंत्रनाथ झा  सुभद्र झा जन्म शतवार्षिकी  दू दिवसीय समारोह  उद्घाटन पंगोविन्द झा दीपप्रज्जवलित करि केलाह। पंडित चन्द्रनाथ मिश्र अमर  अध्यक्षता  साहित्य अकादमी  उप सचिवविजेन्द्र त्रिपाठी  संयोजक विद्यानाथ झा विदित  निर्देशन मे भेल संगोष्ठी मे विशिष्ट अतिथिविधायक विनोद नारायण झा कहला जे भाषा  संस्कृति  समाज समृद्ध होइत अछि। मैथिली भाषाकए साहित्यकार  परिधि  हटा कए आमजन मे स्थापित करबाक जरूरत अछि। चन्द्रनाथ मिश्र अमरकहला जे प्राथमिक विद्यालय मे मैथिली  पढ़ाई हेबाक चाही। लखनऊ  आयल डॉ उमा रमण झा दूनूविभूति कए मनीषि बतेलथि।
साहित्य
 अकादमी  उप सचिव सह समकालीन भारतीय साहित्य पत्रिका  संपादक ब्रजेन्द्र त्रिपाठीकहला जे मैथिली भाषा  मधुरता  वैषायिक सारगर्भिता एकर महत्ता कए राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचेलकअछि। मैथिली साहित्यकार तंत्रनाथ झा  सुभद्र झा एकरा समृद्ध  सुदृढ़ भाषा बनेलथि। साहित्यअकादमी  संयोजक विद्यानाथ झा विदित मैथिली भाषी  राष्ट्रीय स्तर पर 1.74 करोड़ आबादी सूचीबद्धहेबाक सूचना देलथि संगहि  आगामी जनगणना मे अपन मातृभाषा मैथिली लिखेबाक अनुरोध केलथि।
एहि
 अवसर पर कुल सातटा पुस्तकक लोकार्पण सेहो भेल। विद्यापति  पुरुष परीक्षा  नाट्य रुपानंतर डॉयोगानंद सुधीर  पुस्तक  संग बुचरू पासवान  काव्य संकलन नवल विहान भउ रहलै,महेन्द्र नारायण राम  भाऊ भगैत गहबर ग्रामीण गीत संग्रहविद्यानाथ झा विदित  कर्पूरियामैथिलीउपन्यास मैथिली मे ब्रेल लिपि  किताब  बुद्धिधारी रमाकर पर फूलचन्द्र झा  सुधाकर झा शास्त्री परदेवेन्द्र झा  पुस्तक शामिल अछि।